5 Essential Elements For Shodashi

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां

Goddess is commonly depicted as sitting about the petals of lotus which is retained on the horizontal body of Lord Shiva.

The Devas then prayed to her to destroy Bhandasura and restore Dharma. She's thought to own fought the mom of all battles with Bhandasura – some scholars are in the view that Bhandasura took a variety of forms and Devi appeared in various forms to annihilate him. Finally, she killed Bhandasura While using the Kameshwarastra.

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

As here a single progresses, the next stage entails stabilizing this newfound awareness by way of disciplined techniques that harness the intellect and senses, emphasizing the very important function of Power (Shakti) On this transformative method.

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

Goddess also has the identify of Adi Mahavidya, meaning the whole Model of reality. In Vedic mantras, she is described as the Goddess who sparkles with The attractive and pure rays on the Solar.

Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra sharpens the thoughts, enhances concentration, and enhances psychological clarity. This advantage is efficacious for college kids, professionals, and those pursuing intellectual or Artistic aims, since it fosters a disciplined and centered approach to duties.

श्रीमद्-सद्-गुरु-पूज्य-पाद-करुणा-संवेद्य-तत्त्वात्मकं

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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